Blogspot - indranil-sail.blogspot.com - जज़्बात, ज़िन्दगी और मैं

Latest News:

उजाले 7 Mar 2013 | 10:27 pm

1. सिरहाने चांदनी रखकर सो गया था मैं, रातभर ... सोने नहीं दिया ख्वाबों के उजाले । 2. बहुत उदास होकर आँखें बंद कर ली मैंने, जैसे थक हो गई हो आँख उजालों के शोर से । 3. तुम जो कल ख्वाबों में आ गई थी, म...

कैमरे के शूटिंग मोड्स 16 Oct 2012 | 07:11 pm

Normal 0 21 false false false DE X-NONE HI MicrosoftInternetExplorer4 Basic shooting modes (बेसिक शूटिंग मोडस) Auto Mode (ऑटो मोड): यह मोड नौसिखिओं के लिए होता है | इसमें हर बात कैमरा ही तय...

तरह तरह के डिजिटल कैमरे 11 Oct 2012 | 09:07 pm

Normal 0 21 false false false DE X-NONE HI MicrosoftInternetExplorer4 डिजिटल कैमरा यानि कि डिजिकैम, साउंड, वीडियो और स्टिलफोटोग्राफ लेकर उन्हें एक इलेक्ट्रॉनिक इमेज सेंसर के माध्यम से रिकॉर्...

फोटोग्राफी - शौक या पेशा ? 8 Oct 2012 | 10:35 pm

Canon Powershot SX30IS Normal 0 21 false false false DE X-NONE HI MicrosoftInternetExplorer4 फोटोग्राफी हमारे दुनिया देखने का तरीका बदल सकती हैं । रोज कि जिंदगी मे दिखते बेरौनक और बेहद मामू...

दूसरी कोशिश .... स्टॉप मोशन फोटोग्राफी ... 10 Jul 2012 | 11:37 am

कई दिनों से फोटोग्राफी में अपना हाथ आजमा रहा हूँ | काफी कुछ सीखा भी | धीरे धीरे आप सब के साथ वो ज्ञान (जो थोडा सा अर्जित हुआ है ) बांटूंगा | फ़िलहाल आप सब के लिए ला रहा हूँ स्टॉप मोशन फोटोग्राफी से लिय...

क्या हिंदी एक निकृष्ट भाषा है ? 8 Jul 2012 | 12:55 pm

फेसबुक पर श्रीमान महफूज़ अली जी की एक बात पढकर मेरा मन सोचने पर विवश हो गया | महफूज़ ने लिखा है कि वो हवाई जहाज से यात्रा करते समय हिंदी ब्लॉग खोलने पर लोग उन्हें हिकारत की नज़र से देखने लगे | इससे उन्हे...

पहली कोशिश .... स्टॉप मोशन फोटोग्राफी ... 9 Jan 2012 | 04:41 pm

सबको नए साल की हार्दिक शुभकामनायें ! दोस्तों आज बहुत दिनों बाद फिर ब्लॉग जगत का दौरा हुआ ... इस बीच दफ्तर के काम से बहुत व्यस्त हो गया था .... आजकल, सच कहूँ, समय नहीं मिलता है कि फुर्सत से बैठूं, कुछ...

बिल्ली मौसी 16 Oct 2011 | 06:29 pm

एक बार ये हाथ में आ जाएँ, फिर तो मज़ा आ जायेगा | क्या ज़बरदस्त भोजन का इंतजाम हो जायेगा | पर ये हाथ में आयेंगे कैसे, ये तो काफी ऊपर चढ़ बैठे हैं ... शायद यही सोच रही है बिल्ली मौसी .... ये आज सुबह मेरे...

तीन क्षणिकाएं - नष्ट चाँद ! 4 Oct 2011 | 03:53 pm

१) शांत मन के झील में जो अक्सर उतर आता था उज्जवल और स्पष्ट कभी, आज इस अस्थिर चित्त में नहीं दिख पाता है अस्पष्ट चाँद ! २) बड़ी कुटिल है मुस्कान उसकी ! चुभती बड़ी है दिल में ! खुद झुककर मैं...

तरह तरह के ब्लॉगर - एक समीक्षा ! 27 Sep 2011 | 09:13 pm

पिछले पांच सालों से ब्लॉग दुनिया में हूँ | हालाँकि पिछले दो सालों से सक्रीय पोस्टिंग कर रहा हूँ | इस लंबे अंतराल के दौरान कितने ही अलग अलग प्रकार के ब्लॉगर से परिचय हुआ | हर किसी का अपना अलग तरीका, अप...

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आपके कंप्यूटर को बर्बाद कर सकती है लादेन की मौत, सिलबट्टा

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