Blogspot - neerajjaatji.blogspot.com - मुसाफिर हूँ यारों

Latest News:

लद्दाख साइकिल यात्रा- अट्ठारहवां दिन- मुलबेक से शम्शा 26 Aug 2013 | 04:30 am

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 21 जून 2013 हमेशा की तरह आराम से सोकर उठा। आज आराम कुछ भारी पड सकता है क्योंकि बताया गया कि आगे कारगिल के बाद सिर्फ द्रास में ही रुकने का...

लद्दाख साइकिल यात्रा- सत्रहवां दिन- फोतूला से मुलबेक 23 Aug 2013 | 04:30 am

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 20 जून 2013 यहां कोई पेड वेड तो थे नहीं कि टैण्ट पर छांव पड रही हो। जब सूरज निकला तो निकलते ही आग बरसाने लगा। टैण्ट के अन्दर यह आग और भी ...

लद्दाख साइकिल यात्रा- सोलहवां दिन- ससपोल से फोतूला 21 Aug 2013 | 09:22 pm

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 19 जून 2013 चूंकि नौ बजे ससपोल से चल पडा तो इसका अर्थ है कि साढे सात बजे उठ भी गया होऊंगा। कल लेह में नहाया था, आज तो सवाल ही नहीं। गेस्ट...

लद्दाख साइकिल यात्रा- पन्द्रहवां दिन- लेह से ससपोल 19 Aug 2013 | 04:30 am

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 18 जून 2013 नौ बजे सोकर उठा। उठने के मामले में कभी जल्दबाजी नहीं की। रात शानदार नींद आई। लेह शहर में मैं जनवरी में अच्छी तरह घूम चुका था...

डायरी के पन्ने- अगस्त 2013- द्वितीय 16 Aug 2013 | 10:53 am

[डायरी के पन्ने हर महीने की पहली व सोलह तारीख को छपते हैं।] 1 अगस्त 2013, गुरूवार 1. डायरी के पन्ने छपे तो आशीष लाल साहब ने बडी भावपूर्ण बात कह दी- जब कोई बीमार हो जाता है तो उसे देखने जाना ही बहुत ...

लद्दाख साइकिल यात्रा- चौदहवां दिन- उप्शी से लेह 14 Aug 2013 | 04:30 am

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 17 जून 2013 सात बजे आंख खुली। देखा उसी कमरे में कुछ लोग और भी सोये हुए हैं। पता चला ये लेह से मनाली जा रहे थे। रात ग्यारह बजे जब उप्शी से...

लद्दाख साइकिल यात्रा- तेरहवां दिन- तंगलंग-ला से उप्शी 12 Aug 2013 | 04:30 am

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 16 जून 2013 सात बजे आवाजें सुनकर आंख खुली। थोडे से खुले दरवाजे से बाहर निगाह गई तो बर्फ दिखाई दी। यानी रात बर्फ पडी है। मजदूरों ने बढा-चढ...

लद्दाख साइकिल यात्रा- बारहवां दिन- शो-कार मोड से तंगलंग-ला 9 Aug 2013 | 04:30 am

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 15 जून 2013 साढे सात बजे आंख खुली। ध्यान दिया कि तम्बू चू रहा है, वो भी कई जगहों से। कुछ बूंदें तो मेरे बिस्तर पर भी गिर रही थीं। जब तम्ब...

शो-कार (Tso Kar) झील 7 Aug 2013 | 04:30 am

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। शाम चार बजे शो-कार के लिये चल पडा। पहले तो मामूली सी चढाई है, उसके बाद मामूली ढलान। 16 किलोमीटर तक यही ढलान पैडल नहीं मारने देता। सिंगल सड...

लद्दाख साइकिल यात्रा- ग्यारहवां दिन- पांग से शो-कार मोड 5 Aug 2013 | 04:30 am

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 14 जून 2013 सुबह साढे सात बजे आंख खुली। दोनों होटल संचालिकाओं ने जुले कहकर नये प्रभात की शुभकामनाएं दीं। अब मैं ‘जुले-जुले’ की धरती पर हू...

Related Keywords:

गुफा, धर्मशाला, की ेल, भारत का एक स्टेशन जहाँ रेल गाड़ी नही रूकती, रेल यात्रा, चोपता बादलों के उस पार, मुसाफिर हूं यारों, मदमहेश्वर यात्रा, चोपता बादलों, शिव पार्वती ताल लय

Recently parsed news:

Recent searches: