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Latest News:

आय लव आलू-करेला 17 Aug 2013 | 07:10 pm

न जाने कितने राजू आए, न जाने कितने पप्पू गुड्डू, मुन्ना, नन्हें, चुन्नू और बबलू इतने कि सबको अलग-अलग याद रखना भी मुश्किल है। एक राजा, एक राजे, एक गुड्डा, एक गुड्डे, एक गुड्डन एक मुन्नू, एक मुन्नन, एक...

सुअर और खरगोश 6 Jul 2013 | 05:52 pm

सारी प्लानिंग रहने की है जाने की प्लानिंग करके क्या होगा बेहतर होगा, इसे बीमा एजेंटों के लिए ही छोड़ दें बाकी किसी को ऐसी किसी चीज की कोई जरूरत नहीं जरा सोचिए, हर कोई अगर सिर्फ अपने रहने के बारे में ...

रात के रंग 1 Jun 2013 | 02:19 pm

सोना सोना इधर सोना उधर सोना जिधर जाए नजर सोना थिरकती आ गईं लो वक्त से पहले मगर फिर छिप गईं सारी सुनहरे पंख पहने नींद की परियां सोना सोना कहां सोना किधर सोना धुआंती रात का आलम उदासी साथ में लाया कहां ...

रिश्तेदारियां 4 May 2013 | 05:24 pm

मेरा हुलिया देखकर ज्यादातर लोग मुझे मामूली आदमी समझने की गलती कर बैठते हैं। आप तो ऐसा न करें। आम तौर पर मैं बताता नहीं, लेकिन मेरी रिश्तेदारी देश-दुनिया के  हैसियतदार लोगों से है। गोरखपुर का एक क्रिमि...

धीरे-धीरे शक्ल ले रही है 'बैठक' 15 Apr 2013 | 06:42 pm

पैसा पॉवर और करियर की होड़ में डूबे दिल्ली के सार्वजनिक आयोजन प्रायः पीआर एक्सरसाइज ही हुआ करते हैं। इनमें मेरी शिरकत कुछ अजीजों की श्रद्धांजलि सभाओं और कुछ समय पहले बल्ली सिंह चीमा की षष्ठिपूर्ति जैस...

सपने में चिरकुटगंज 13 Apr 2013 | 06:40 pm

अभी तक अनदेखे किसी बड़े शहर की ओर रवानगी है एक बक्सा एक बिस्तरबंद एक पानी की बोतल एक घड़ी जिसे गाड़ी के इंतजार में बार-बार देख रहा हूं किसी छोटे स्टेशन पर हम तीन जन और गुलाबी सा अंधेरा हमें घेरे हुए ...

कहीं दूर उसने कहा 23 Mar 2013 | 05:43 pm

तुम यहीं रहने लायक थे यहीं, मेरे पास, ठीक इसी जगह मुझे तुम्हें जाने नहीं देना चाहिए था। जब-तब दुखी कर जाता है यह खयाल कि तुम्हारा जाना मैंने कबूल क्यों किया। लेकिन यह सिर्फ एक रोमांटिक खयाल है। तुम...

क्या हिंदी ब्लॉगिंग दोबारा जिंदा हो सकती है 15 Mar 2013 | 05:18 pm

पांच-छह साल पहले अचानक ऐसा हुआ कि हिंदी की सबसे अच्छी चीजें ब्लॉग पर ही पढ़ने को मिलने लगीं। कंटेंट और भाषा,  दोनों स्तरों पर इतनी ताजगी कि जादू सिर चढ़ कर बोलता था। उन्हीं दिनों देखादेखी मैं भी लिखने...

रास्ते पर तारा 13 Mar 2013 | 05:40 pm

ऊंची नीरंध्र अपारदर्शी बाड़ों से घिरे ये रास्ते हैं सीधे सुरक्षित चिकने सरल सपाट रास्ते जो बार-बार एक ही जैसे चौराहों में खुलते हैं उतने ही सुरक्षित बंद चौराहों में ये रास्ते कभी हिलते नहीं डगमगाते न...

जागना 6 Feb 2013 | 04:57 pm

बारिश बंद हो चुकी है पोखरे पर लटकी महुए की डाल से देर तक चिपकी रहने के बाद आगे आकर एक बूंद ने किनारे की कीच के बजाय पोखरे में ही टपकने का फैसला किया है छिपता-निकलता तयशुदा रस्ते पर बढ़ रहा है देर रा...

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नेबुलाइजर, प्रेमरस, प्रेमपत्र

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