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साहित्य प्रेमियों का नया डेस्टिनेशन www.beingpoet.com 6 Jun 2013 | 01:19 am

एक जून को राजधानी दिल्ली की शाम रचनाकारों के नाम रही। मौक़ा था सीएसडीएस में सोशल नेटवर्किंग साइटwww.beingpoet.com के लॉन्च का। अंग्रेज़ी की महत्वपूर्ण लेखिका नमिता गोखले और हिंदी के लोकप्रिय कवि-कथाका...

Untitled 5 May 2012 | 04:44 am

new destination is Being Poet | बीइंग पोएट

लाल रंग 16 Jan 2012 | 10:45 pm

देखता हूँ मैं लाल रंग सिहर जाता हूँ काँप उठती है मेरी रूह ठहर जाता हूँ लाल रंग, जो माँ का वजूद था कभी लाल रंग, जो माँग में मौजूद था कभी माँग सूनी, नज़र ख़ाली, जान तन्हा है रहने वाले हैं कई पर मका...

याद तो आती होगी 16 Nov 2011 | 07:38 am

मुझे ये ग़म नहीं कि तू बदल गई हमदम वक़्त के साथ हर एक चीज़ बदल जाती है अपनी रूह से बढ़कर भी जिसे चाहे कोई रूह कितनी भी हो अजीज़ बदल जाती है मैं भी दे सकता था दौलत-ए-जहाँ तुझको ज़रा-सा और गर मुझ पर ....

रेड टी-शर्ट और ब्लू जीन्स 22 Oct 2011 | 05:13 am

पीली धूप में नहाया हुआ एक पल जैसे बारिश के बाद घास की कोंपल जैसे खिलने को राजी कोई कली जैसे पेड़ के बाजू में चाँद का टुकड़ा कसमसाता रहता है सारी रात और उसे देखकर तुम्हारा मचलना तुम्हारी उंगलियों का म...

आज ‘मजाज़ लखनवी’ का जन्मदिन 19 Oct 2011 | 06:35 pm

आज (19 अक्टूबर) मशहूर शायर 'मजाज़ लखनवी' का जन्मदिन है। 1911 को रूदौली गाँव (बाराबंकी) उत्तरप्रदेश, भारत में पैदा हुए इस शायर ने अपनी शायरी से करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बनाया। पेश है मजाज़ की कुछ ग...

मैं तुझसे बढ़कर अपनी आबरू को प्यार करता हूँ 18 Oct 2011 | 05:06 am

मेरी जाँ गो तुझे दिल से भुलाया जा नहीं सकता मगर ये बात मैं अपनी ज़ुबां पर ला नहीं सकता तुझे अपना बनाना मोजिब-ए-राहत समझकर भी तुझे अपना बना लूँ ये तसव्वुर ला नहीं सकता हुआ है बारहा एहसास मुझको इस ह....

हर लड़की तीसरे गर्भपात के बाद धर्मशाला हो जाती है 11 Oct 2011 | 01:43 am

सुदामा पांडेय 'धूमिल' उसे मालूम है कि शब्दों के पीछेकितने चेहरे नंगे हो चुके हैंऔर हत्या अब लोगों की रुचि नहीं – आदत बन चुकी है वह किसी गँवार आदमी की ऊब से पैदा हुई थी और एक पढ़े-लिखे आदमी के साथ शहर...

अनुभव हमेशा अनकहा ही रहता है 4 Oct 2011 | 06:17 am

अनुभव हमेशा अनकहा ही रहता है कहना चाहा कई-कई तरीकों से बाँधे शब्दों के हज़ारों पुल अनेकों प्रतीक, अनेकों संकेत लेकिन नहीं बता सका हूँ अब तक वह, जो मैं कहना चाहता हूँ मैं जो महसूस करता हूँ तुम्हारे सा...

मैं देख रहा हूँ 10 Sep 2011 | 06:01 am

मैं देख रहा हूँ… बिल्कुल अभी-अभी थमी है बारिश फूलों को चूमती हुई पानी की बूँदें पत्तियों का भीगा हुआ गीला बदन किसी धूँधली तस्वीर को उघाड़ रहे हैं मैं देख रहा हूँ… रात के सीने से ढलका हुआ आँचल किसी .....

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