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भक्‍ति सूत्र–नारद ओशो 27 Aug 2013 | 11:36 am

तीसरा प्रश्‍न : भक्त अंतिम अवस्था तक आराध्या को नहीं भुला पाता है, क्या मुक्ति के लिए अंतत : आराध्य की छवि का विसर्जन भी अनिवार्य है? प्रश्र भक्त का नहीं है। भक्त तो चाहता ही नहीं मुक्ति को। भक्त तो...

भक्‍ति सूत्र–(नारद) ओशो 27 Aug 2013 | 11:25 am

प्रवचन–बीसवां, प्रश्‍न भक्‍त ध्रुव की पुराण-कथा पर प्रकाश डालें। पुराण में कथा है कि बालक ध्रुव नारद के भक्त थे, नारद नारायण के भक्त थे। बालक पुरव की भक्ति से मात्र छह महीने में ही नारायण प्रसन्न हो ...

एस धम्‍मो सनतंनो–भाग-3 ओशो 26 Aug 2013 | 06:22 am

प्रवचन—21 (नोट: पूस्‍तक http://www.oshoba.org/ (ओशोबा ओ आर जी से फ्री डाऊन लोड़ कर सकते है) बाल—लक्षण दीघा जागरतो रत्ति दीघं संतस्स योजना। दीखे बालानं संसारो सद्धम्मे अविजानतं।।54।। चरं वे नाधिगच्...

एस धम्‍मो सनंतनो (भाग-2) ओशो 26 Aug 2013 | 06:15 am

प्रवचन-11 (पूरी पूस्‍तक http://www.oshoba.org/ (ओशोबा ओ.आर.जी.) से डाऊन लोड़ कर सकते है.) तथाता में है क्रांति फन्दनं चपलं चितं दूरक्‍खं दुन्‍निवारयं। उजुं करोति मेधावी व उसुकारो‘ व तेजनं।।29।। वा...

एस धम्‍मो सनंतनो–भाग-1 ओशो 20 Aug 2013 | 05:11 am

प्रवचन—9 यात्री, यात्रा, गंतव्य : तुम्हीं मा प्रमादमनुयुज्‍जेथ मा कमरतिसंथवं। अप्‍पमत्‍तोहि झायंतो पष्‍पोति विपुलं सुखं।।24।। पमादं अप्‍पमादेन यदा नुदति पंडितो। पज्‍जापासादमारूयूह असोको सोकिनिं प...

एस धम्‍मो सनंतनो–भाग-1 ओशो 20 Aug 2013 | 05:05 am

प्रवचन—8 प्रेम है महामृत्यु पहला प्रश्न : दुनिया के ज्यादातर धर्मगुरूओं ने अपने स्त्री-पुरुष संन्यासियों को हो सके उतनी दूरी रखने के नियम दिए; पर आप हमेशा दोनों के प्रेम पर ही जोर देते हैं। क्या आप...

Untitled 17 Aug 2013 | 12:20 am

प्रवचन—10 देखा तो हरे मुकाम तेरी रहगुजर मे पहला प्रश्न: भगवान, एक ही आरजू कि इस खोपड़ी से कैसे मुक्‍ति हो जाए? आपकी शरण आया हूं। पूछा है चिन्मय ने। खोपड़ी से मुक्‍त होने का खयाल भी खोपड़ी का ही है। ...

एस धम्‍मो सनंतनो–भाग-1 ओशो 13 Aug 2013 | 04:19 pm

प्रवचन—7 जागकर जीना अमृत में जीना है अप्‍पमादो अमतपदं पमादो मच्‍चुनो पदं। अप्‍पमत्‍ता न मीयंति ये पमत्‍ता यथा मता।।18।। एतं विसेसतो जत्‍वा अप्‍पमादम्‍हि पंडित। अप्‍पमादे पमोदंति अरयानं गोचरे रता।...

एस धम्‍मो सनंतनो–भाग-1 ओशो 13 Aug 2013 | 04:12 pm

प्रवचन—6 ‘आज’ के गर्भाशय से ‘कल’ का जन्‍म: पहला प्रश्न: आपने स्त्री के लिए प्रेम और पुरूष के लिए ध्यान का मार्ग बताया। मेरी तकलीफ यह है कि न प्रेम में पूरा डूब पाती हूं न ध्‍यान में गहराई आती है। क...

एस धम्‍मो सनंतनो–भाग-1 ओशो 13 Aug 2013 | 04:04 pm

प्रवचन—5 बुद्धपरुष स्वयं प्रमाण है ईश्वर का: इध सोचति पेच्‍च सोचति पापकारी उभयत्‍थ सोचति। सो सोचति सो विहज्‍जति दिस्‍वा कम्‍मकिलिट्ठमत्‍तनो।।13।। इध मोदति पेच्‍च मोदति कतपुज्‍जी उभयत्‍था मोदति। स...

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