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Latest News:

जीवन 26 Aug 2013 | 04:18 pm

जीवन संग्राम ,समर्पण है हर्ष ,श्रान्ति का दर्पण है आह्लाद है ये अवगुंठन है निर्बंध है ये कभी बंधन है ठहराव भी है चंचलता है संताप है ये शीतलता है आलाप है ये विलाप भी है वरदान कभी अभिशाप भी है...

उत्कर्ष 12 Aug 2013 | 03:58 pm

क्या हुआ जो सपने टूट गए कुछ स्वर्णिम अनुभव छूट गए बीत गया पहला खुमार हुआ शांत वो अदम्य ज्वार चलते चलते जो लगी ठेस उद्विग्न कर गया कोई क्लेश मंजिल जब दिखने लगी दूर नियति भी लगने लगी क्रूर ये...

अक्सर 11 Aug 2013 | 09:58 pm

नहीं देखता स्वप्न कोई मैं बस यथार्थ से  लड़ता हूँ खुशी बाँटने की कोशिश में चोट भी सह के झरता हूँ क्यों देखूँ मैं दोष और का संभल संभल पग धरता हूँ औरों की सुन लेता हूँ सब पर अपनी ही करता हूँ ...

चुनमुन और गोरैया 9 Aug 2013 | 06:30 pm

चुनमुन भैया और गोरैया मिल कर उधम मचाते आँगन में अमरुद  के  नीचे  खूब फुदकते गाते सुबह - सबेरे  चीं - चीं  करती  टोली लेकर आती चुनमुन चुनमुन करती सब और शोर मचाती जाती भरी कटोरी पानी लेकर चुनमुन ...

इंटरनेट से लाभ या हानि 7 Aug 2013 | 11:50 am

इंटेरनेट या विश्व अंतरजाल  विज्ञान की ऐसी उपलब्धि है जिसने सूचना तकनीकि के क्षेत्र में असीमित  संभावनाओं के द्वार खोल दिये | इंटेरनेट की संकल्पना ने “गागर में सागर” को चरितार्थ कर दिया है | ज्ञा...

जल ही जीवन 10 Jul 2013 | 11:08 am

जल से बना शरीर प्राण का यह आधार बिन पानी मच जाए जग में हाहाकार सागर से उठ रहा मेघ कब ये बरसे बूंद बूंद को लालायित जन मन तरसे घिरे घटा घनघोर आस हर मन में है निर्विवाद यह सत्य कि जल ही जीव...

क्या सुनाऊं 7 Jun 2013 | 10:06 pm

  नई कौनसी बात सुनाऊं ? उदयाचल से अस्ताचल तक कुछ पुनरावृति कुछ पुरुषार्थ वही ऋचाएं वही अनुगुंजन कृष्ण वही हैं वही हैं पार्थ वही मनीषी वही है चिंतन सत्य सनातन के रक्षार्थ कर्ण वही हैं वही दधीची पुण्य ध...

गलियारा 4 Jun 2013 | 10:07 pm

  कभी समय के गलियारे में ताका – झांकी कर लो तुम भूली बिसरी उम्मीदों से दो पल बातें कर लो तुम पता नहीं कब साँझ ढले कब काया माया छोड़ चले दुनियादारी ,रिश्ते – नाते सब बंधन को तोड़ … Continue reading →

भारत महान है ? 3 Jun 2013 | 08:08 pm

  नैतिकता नतमस्तक सत्य पड़ा मसान है लाज दे रही दुहाई भारत महान है ? मर्यादा मृतप्राय अचेत संविधान है नेतृत्व नोच रहा भारत महान है ? मातृत्व मौन हुई देवी निष्प्राण है लालायित लालसा है भारत महान है ? … C...

शनि की खिचड़ी 26 May 2013 | 11:18 am

  नहीं बन रहा काम कोई  चौपट है कारोबार लगे सुनाने लाला जी ज्योतिष को हाथ पसार नहीं समझ में आता श्रीमन्   लगी है किसकी हाय दशा कौन सी दिशा जा रही कुछ बतलाएं उपाय पंडित जी ने गणना … Continue reading →

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