Blogspot - devendrasinghdev.blogspot.com - Devendra singh "Dev"

Latest News:

क्या फर्क पड़ता है 23 Jul 2013 | 11:22 pm

क्या फर्क पड़ता है जब आंकड़ों में विकास जारी  हो और सामूहिक आत्महत्या की तैयारी  हो रोटी के लिए संघर्ष पानी विष का प्याला त्रासदी और महामारी उसमे भी घोटाला मौत तो सेक्युलर है न टोपी देखेगी न ललाट पर च...

दूसरा पहलू 11 Jul 2013 | 08:30 am

सुन्न हो गयी हजारों आवाजें पुकारते पुकारते | अपलक रह गयी कितनी निगाहें, निहारते निहारते || कहीं मांग का ‎सिन्दूर, तो कहीं ‎राखी का रिश्ता | कहीं सूनी गोद हुए तो कहीं ‎ आसरा ही छूटा. || 'उफ़! क्यूँ है ...

वक़्त नहीं 15 Jun 2013 | 11:51 pm

हर ख़ुशी है लोगों के दामन में पर एक हंसी के लिए वक़्त नहीं दिन रात दौड़ती दुनिया में ज़िन्दगी के लिए ही वक़्त नहीं.. माँ की लोरी का एहसास तो है पर माँ को माँ कहने का वक़्त नहीं सारे रिश्तों को हम मार ...

कल ये हों ना हों 1 Jun 2013 | 11:32 am

आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो.. आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ आज एक बार फ़िर पुरानी य...

कोई पैगाम नहीं 10 May 2013 | 11:21 pm

कोई पैगाम नहीं ...... जो गुजर गयी उसकी क्यों शाम नहीं...... लाख तदबीर की दर्द-ए-दिल को क्यों आराम नहीं ...... मेरे नाम से क्यों तू गुमनाम नहीं .... हर शक्श की किस्मत मै क्यों इनाम नहीं ..... माना दिल ...

चाँद 10 May 2013 | 11:20 pm

अगर चाँद असमान से उतरे तो आम हो जाये, तेरे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाये, अजब हालात हुए की दिल का सौदा हो गया, मुहब्बत की हवेली जिस तरह नीलाम हो जाये, मैं खुद भी तुझसे मिलने की कोशिश नहीं करूँगा, क्यो...

कानपुर 3 Apr 2013 | 09:07 am

इस शहर में सब कुछ अपना सा लगता है, जीवन इस शहर में सपना सा लगता है वो खुबसूरत सी मोतीझील की शाम हाथों में हाथ लिए प्रणय संबंधों के नाम, रेव मोती से लेकर जे के टेम्पल का सफ़र यहाँ होता है नए रिश्ते ज...

आवारापन 3 Mar 2013 | 09:53 am

तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं, एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं किस को ख़बर थी साँवले बादल बिन बरसे उड़ जाते हैं, सावन आया लेकिन अपनी क़िस्मत में बरसात नहीं माना जीवन में औरत एक...

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